उटंगन नदी पर रेहावली में बांध बनाने की योजना शीघ्र आगे बढ़ेगी: डॉ मंजू भदौरिया
आगरा, 22 जनवरी 2025, 11:18 AM IST: जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया ने उटंगन नदी पर फतेहाबाद तहसील के रेहावली गांव में बांध बनवाने की योजना के क्रियान्वयन के लिए गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों के साथ शमशाबाद रोड स्थित अपने कैंप आफिस पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल उपयोगी है, बल्कि भूगर्भ जल के स्तर में आ रही गिरावट को थामने में भी बेहद लाभकारी है।
वाटरशेड प्रबंधन प्रभावी हो
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सदस्यों ने कहा कि जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों के जल प्रबंधन (watershed) को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रस्तावित रेहावली बांध बहुउपयोगी और अन्य योजनाओं के लिए आदर्श है। जनपद की गैर-मानसून काल में जल शून्य रहने वाली उटंगन नदी में मानसून काल में पहुंचने वाली कई अरब घन मीटर जलराशि का संचय करने के लिए योजना बनाने तक पर काम शुरू नहीं हो सका है।
योजना बनाकर शासन को भेजें
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की ओर से अनुरोध किया गया कि उटंगन नदी में पहुंचने वाले यमुना नदी के उफान को समेटे रखने के लिए कार्य योजना बनाकर शासन को विचारार्थ भेजें, जिससे कि उसकी फंडिंग और क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो सके। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा द्वारा अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजन खंड, अलीगढ़ द्वारा अपेक्षित किए गए उटंगन और यमुना नदी के मानसून कालीन जलस्तर की जानकारी में से उटंगन नदी के संबंध में संभव जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है। यदि आवश्यक हुआ तो यमुना नदी के जलस्तर की पचास साला जानकारी भी उपलब्ध करवा दी जाएगी। सोसायटी के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष से कहा कि उटंगन नदी केंद्रीय जल आयोग के नियंत्रण या प्रबंधन में नहीं आती। रेहावली गांव नदी की टेल पर है और बांध जहां बनाया जाना प्रस्तावित है, वह स्थान यमुना नदी से 2 किमी दूर है।
उटंगन केंद्रीय जल आयोग के दायरे में नहीं
उटंगन एक अंतर्देशीय नदी है, जो राजस्थान में गंभीर नदी के नाम से जानी जाती है। नदी की पूरी लंबाई कुल 288 किमी है, जबकि उत्तर प्रदेश में इसका बहाव 66 किमी है। यह राजस्थान से उत्तर प्रदेश की सीमा में किरावली तहसील के सिरौली गांव से प्रवेश करती है और रेहावली गांव में यमुना नदी में समाती है। राजस्थान सरकार ने इसका पूरा पानी करौली के पांचना बांध और भरतपुर के अजान बांध पर रोक लिया है। वर्तमान में जो भी जलराशि मानसून काल में नदी के 19 किमी क्षेत्र वाले भाग में पहुंचती है, वह खारी नदी, वेस्टर्न डिप्रेशन ड्रेन (डब्लू डी ड्रेन) और जगनेर की 36 बंधियों के डिस्चार्ज की होती है। इसके अलावा यमुना नदी के मानसून कालीन उफान की होती है।
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि नदी में अरनौटा रेलवे पुल के डाउन से रेहावली गांव तक मानसून काल में यमुना नदी के बैक मारने से जो जलराशि पहुंचती है, यदि यह जानकारी अपेक्षित होगी, सिविल सोसायटी वह भी उपलब्ध करवा देगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष से मुलाकात करने वालों में सचिव श्री अनिल शर्मा के अलावा राजीव सक्सेना और असलम सलीमी भी शामिल थे।
योजना के लाभ
इस योजना का मुख्य लाभ भूगर्भ जल के स्तर में हो रही गिरावट को थामना और जल संचय को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह योजना जलाशयों के जलग्रहण क्षेत्रों के जल प्रबंधन को भी प्रोत्साहित करेगी। रेहावली बांध बहुउपयोगी और अन्य योजनाओं के लिए आदर्श साबित हो सकता है। जनपद की गैर-मानसून काल में जल शून्य रहने वाली उटंगन नदी में मानसून काल में पहुंचने वाली जलराशि का संचय करने में यह बांध महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
परियोजना की स्थिति
उटंगन नदी पर रेहावली गांव में बांध बनाने की योजना अभी शुरुआती चरण में है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सहयोग से इस योजना को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए गंभीरता से प्रयास करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से भूगर्भ जल के स्तर में हो रही गिरावट को थामने में मदद मिलेगी और जल संचय को बढ़ावा मिलेगा।
सिविल सोसायटी का योगदान
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने उटंगन नदी के मानसून कालीन जलस्तर की जानकारी उपलब्ध करवाई है। सोसायटी ने यह भी कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो यमुना नदी के जलस्तर की पचास साला जानकारी भी उपलब्ध करवा दी जाएगी। सोसायटी के सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष से कहा कि उटंगन नदी केंद्रीय जल आयोग के नियंत्रण या प्रबंधन में नहीं आती और रेहावली गांव नदी की टेल पर है। बांध जहां बनाया जाना प्रस्तावित है, वह स्थान यमुना नदी से 2 किमी दूर है।
राजस्थान का योगदान
उटंगन नदी राजस्थान में गंभीर नदी के नाम से जानी जाती है। नदी की पूरी लंबाई कुल 288 किमी है, जबकि उत्तर प्रदेश में इसका बहाव 66 किमी है। यह राजस्थान से उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करती है और रेहावली गांव में यमुना नदी में समाती है। राजस्थान सरकार ने इसका पूरा पानी करौली के पांचना बांध और भरतपुर के अजान बांध पर रोक लिया है। वर्तमान में जो भी जलराशि मानसून काल में नदी के 19 किमी क्षेत्र वाले भाग में पहुंचती है, वह खारी नदी, वेस्टर्न डिप्रेशन ड्रेन (डब्लू डी ड्रेन) और जगनेर की 36 बंधियों के डिस्चार्ज की होती है। इसके अलावा यमुना नदी के मानसून कालीन उफान की होती है।
आगामी योजना
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने जिला पंचायत अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि उटंगन नदी में पहुंचने वाले यमुना नदी के उफान को समेटे रखने के लिए कार्य योजना बनाकर शासन को विचारार्थ भेजें, जिससे कि उसकी फंडिंग और क्रियान्वयन पर कार्य शुरू हो सके। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के द्वारा अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजन खंड, अलीगढ़ द्वारा अपेक्षित किए गए उटंगन और यमुना नदी के मानसून कालीन जलस्तर की जानकारी में से उटंगन नदी के संबंध में संभव जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है। यदि आवश्यक हुआ तो यमुना नदी के जलस्तर की पचास साला जानकारी भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
इस प्रकार, उटंगन नदी पर रेहावली में बांध बनाने की योजना के क्रियान्वयन के लिए गंभीर प्रयास शुरू हो गए हैं। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया के संयुक्त प्रयासों से इस योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूगर्भ जल के स्तर में हो रही गिरावट को थामना और जल संचय को बढ़ावा देना है।
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