यमुना आरती स्थल पर रविवार सांय पर्यावरणविदों, प्रकृति प्रेमियों की एक गोष्ठी में आगरा शहर में बढ़ते कंक्रीटीकरण, टाइल्स, मल्टी स्टोरीड भवन, मोबाइल टावरों से पक्षियों को हो रहे नुकसान पर आक्रोश और अफसोस जाहिर किया गया।
- राजीव गुप्ता
लोक स्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने गौरैया पक्षी की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई। राजीव गुप्ता, जो कि शहर भर में मिट्टी के बने घोंसले मुफ्त में बांटते हैं, ने कहा कि मानव व्यवहार स्वार्थी और खूंखार हो रहा है। ऐसे अनियोजित विकास के तमाम दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। - डॉ देवाशीष भट्टाचार्य
डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा अगर संतुलित विकास नहीं हुआ तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। - डॉ मुकुल पांड्या
- डॉ मुकुल पांड्या ने बताया कि झाड़ियां और क़रील टाइप पेड़ पौधे रिहायशी क्षेत्र बढ़ने से खत्म हो चुके हैं, पक्षियों को पसंद शांति शोर में तब्दील हो चुकी है। सभी नगरवासी पक्षियों को संरक्षित करने के लिए प्रयास करें।
- ब्रज खंडेलवाल
रिवर कनेक्ट कैंपेन के ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि यमुना किनारा रोड पर अत्यधिक शोर वाहनों की आवाजाही और बंदरों के उत्पात से गौरैया ही नहीं, तोते, मैना, कौए, आदि सभी लुप्त होते जा रहे हैं। दस साल पहले यमुना आरती स्थल पर हर समय गौरैया तथा अन्य पक्षियों का जमावड़ा रहता था, अब परिदृश्य बदल चुका है।
गोष्ठी में सर्वश्री चतुर्भुज तिवारी, शशिकांत उपाध्याय, शाहतोश गौतम, निधि पाठक, पद्मिनी अय्यर, समर्थ गुप्ता, उपदेश कुमार, राकेश गुप्ता, दीपक जैन, गोस्वामी नंदन श्रोत्रिय, ने भाग लिया।