📅 गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025 | रात 8:30 बजे | वृंदावन
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों अफवाहों का बाज़ार गर्म है। बुधवार रात से ही कई फर्जी रील्स और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि महाराज का निधन हो गया है। इन वीडियोज़ में न केवल झूठी शवयात्रा दिखाई जा रही है, बल्कि अन्य संतों के अंतिम संस्कार की क्लिपिंग्स को भी प्रेमानंद महाराज से जोड़कर फैलाया जा रहा है।
इन अफवाहों ने भक्तों के बीच बेचैनी और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया है। भक्तों ने इसे “भावनाओं के साथ खिलवाड़” बताते हुए ऐसी रील्स बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

🧩 अफवाहों की शुरुआत कैसे हुई?
कुछ दिन पहले प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब हुई थी। इसी दौरान सोशल मीडिया पर उनकी सेहत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ शुरू हो गईं। इसी बीच कुछ अकाउंट्स ने फर्जी रील्स बनाकर यह दावा करना शुरू कर दिया कि महाराज अब इस दुनिया में नहीं रहे।
इन वीडियोज़ में:
- किसी और संत की अंतिम यात्रा को प्रेमानंद महाराज से जोड़ दिया गया
- भक्तों की भीड़ और रोते हुए लोगों के पुराने फुटेज का इस्तेमाल किया गया
- झूठे कैप्शन और थंबनेल लगाकर सनसनी फैलाई गई
🗣️ भक्तों की प्रतिक्रिया: “यह भावनाओं का मज़ाक है”
इन फर्जी वीडियोज़ को देखकर भक्तों में गहरा आक्रोश है।
- एक भक्त ने लिखा: “अब बाबा के मुख से सुनकर ही सबको राहत मिलेगी। ये लोग सिर्फ़ लाइक्स और व्यूज़ के लिए हमारी भावनाओं से खेल रहे हैं।”
- दूसरे ने कहा: “हम भी बहुत रोए थे ऐसा सुनकर। राधा रानी आपको स्वस्थ और दीर्घायु रखें।”
- एक अन्य ने लिखा: “सच में प्यारे गुरुदेव, बहुत मन दुखी होता है ऐसा सब देखकर। ईश्वर करें आप सदैव स्वस्थ रहें।”
📢 आधिकारिक चैनल से स्थिति स्पष्ट
प्रेमानंद महाराज के राधा केलि कुंज परिकर के आधिकारिक चैनल ‘भजन मार्ग’ ने हाल ही में स्पष्ट किया कि:
- महाराज की तबीयत अब ठीक है
- वे अपनी सुबह की पदयात्रा भी शुरू कर चुके हैं
- भक्तों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें
⚖️ कानूनी पहलू: फर्जी रील्स पर कार्रवाई की मांग
भक्तों ने प्रशासन से मांग की है कि:
- इन फर्जी वीडियोज़ को तुरंत हटाया जाए
- ऐसे अकाउंट्स पर आईटी एक्ट और धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धाराओं में केस दर्ज हो
- सोशल मीडिया कंपनियाँ भी ऐसे कंटेंट पर सख़्त कदम उठाएँ
🧭 सोशल मीडिया और अफवाहों का खतरा
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ और फर्जी रील्स कितनी तेजी से फैलती हैं और कैसे यह लोगों की भावनाओं को चोट पहुँचा सकती हैं।
- समाजशास्त्रियों का मानना है कि धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं को लेकर फैलाई गई अफवाहें सीधे तौर पर करोड़ों भक्तों की आस्था को प्रभावित करती हैं।
- डिजिटल विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में फैक्ट-चेकिंग और आधिकारिक चैनलों की सक्रियता ही सबसे बड़ा हथियार है।
📌 निष्कर्ष
प्रेमानंद महाराज के निधन की अफवाहें पूरी तरह झूठी हैं। वे स्वस्थ हैं और अपनी दिनचर्या में लौट चुके हैं। भक्तों से अपील है कि वे केवल आधिकारिक चैनलों पर भरोसा करें और अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहें।
यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सोशल मीडिया पर किसी भी खबर को बिना पुष्टि किए शेयर करना खतरनाक हो सकता है।
संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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