🕰️: दोहा | शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 | शाम 4:46 बजे IST
पाकिस्तान और तालिबान के बीच जारी तनाव के बीच कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता शुरू हो चुकी है। इससे पहले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत पर एयर स्ट्राइक कर संघर्षविराम को तोड़ दिया, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों और युवा खिलाड़ियों की मौत हुई। तालिबान ने फिलहाल जवाबी कार्रवाई रोक दी है, लेकिन चेतावनी दी है कि यह हमला “अपराध” है। अब सवाल है: क्या दोहा वार्ता से युद्ध विराम की कोई ठोस दिशा निकल पाए

🧨 संघर्षविराम टूटा, तनाव बढ़ा
- पाकिस्तान ने 17 अक्टूबर की रात अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत पर एयर स्ट्राइक की।
- हमले में कई नागरिकों की मौत, युवा क्रिकेट खिलाड़ी भी घायल।
- तालिबान प्रवक्ता जैबुल्ला मुजाहिद ने इसे “अपराध” करार दिया।
- तालिबान ने कहा: “जब तक दोहा वार्ता चलेगी, हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।”
🕊️ दोहा वार्ता: कौन-कौन शामिल
- पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, ISI प्रमुख असीम मलिक
- अफगानिस्तान प्रतिनिधिमंडल: रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब मुजाहिद, खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासिक
- मध्यस्थता: कतर और तुर्की
- उद्देश्य: डुरंड लाइन पर स्थिरता, संघर्षविराम विस्तार, सुरक्षा तनावों का समाधान
📞 मुत्तकी का ईरान को फोन
- अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने वार्ता से पहले ईरानी विदेश मंत्री को फोन किया।
- उन्होंने हालात की जानकारी दी और क्षेत्रीय समर्थन मांगा।
- यह कदम दर्शाता है कि अफगानिस्तान अब क्षेत्रीय सहयोग को प्राथमिकता दे रहा है।
🗣️ अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने पाकिस्तान के हमले को “अमानवीय” बताया।
- उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा: “जहां हो वहीं रुक जाओ। इस युद्ध को अब और आगे नहीं बढ़ना चाहिए।”
🔍 विश्लेषण: क्या वार्ता से निकलेगा हल?
राजनीतिक विश्लेषक जनत फहीम चकारी के अनुसार:
“जब दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठते हैं, तो उम्मीद रहती है कि समाधान निकलेगा।”
सूत्रों के अनुसार:
- वार्ता का मुख्य उद्देश्य संघर्षविराम को बढ़ाना है।
- हालिया सैन्य झड़पों के बाद यह पहली आधिकारिक बैठक है।
- क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की निगाहें इस वार्ता पर टिकी हैं।
📌 निष्कर्ष
दोहा में चल रही पाकिस्तान-तालिबान वार्ता इस समय पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिरता के लिए निर्णायक मोड़ पर है। पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम तोड़ने के बाद तालिबान ने संयम दिखाया है, लेकिन चेतावनी भी दी है। अब देखना होगा कि क्या कतर और तुर्की की मध्यस्थता से कोई ठोस समाधान निकलता है या यह वार्ता भी सिर्फ़ एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी।
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Sampadan: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in | Taj News
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