
🕰️ टाइमलाइन: बरेली | शुक्रवार, 12 सितम्बर 2025 | रात 10:55 बजे IST
बरेली के सिविल लाइन्स इलाके में बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर शुक्रवार तड़के फायरिंग की सनसनीखेज घटना सामने आई है। बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने कई राउंड गोलियां चलाईं, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इस हमले की जिम्मेदारी गैंगस्टर रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग ने सोशल मीडिया पर ली है2।
गैंगस्टरों का दावा: संतों के अपमान का बदला सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि यह हमला संत प्रेमानंद महाराज और अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के अपमान का बदला लेने के लिए किया गया। पोस्ट में दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी द्वारा कथित टिप्पणी को कारण बताया गया है। संदेश में चेतावनी दी गई है कि अगली बार कोई भी व्यक्ति धर्म या संतों के प्रति अपमानजनक व्यवहार करेगा, तो उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा।
पुलिस की तत्परता: पांच टीमें गठित घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी के घर पर फायरिंग की पुष्टि हुई है। परिवार की सुरक्षा के लिए पर्याप्त आर्म्ड पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एसपी सिटी और एसपी क्राइम के पर्यवेक्षण में पांच टीमें बनाई गई हैं, जो अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करेंगी।
खुशबू पाटनी विवाद के केंद्र में सूत्रों के अनुसार, दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी ने हाल ही में एक धार्मिक वीडियो पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसे कुछ लोगों ने संत प्रेमानंद महाराज के अपमान के रूप में देखा। हालांकि, खुशबू ने बाद में स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी किसी विशेष संत के खिलाफ नहीं थी।
फिल्म जगत को खुली धमकी गैंगस्टरों द्वारा जारी संदेश में कहा गया है कि यह चेतावनी सिर्फ दिशा पाटनी के लिए नहीं, बल्कि पूरे फिल्म जगत के लिए है। यदि भविष्य में किसी कलाकार ने धर्म या संतों के प्रति अपमानजनक हरकत की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
पुलिस जांच जारी, कोई घायल नहीं फायरिंग की घटना में किसी को गोली नहीं लगी है, लेकिन यह एक स्पष्ट रूप से डराने वाला प्रयास था। पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पोस्ट की सत्यता की जांच की जा रही है और साइबर सेल को भी सक्रिय किया गया है।
सुरक्षा और अभिव्यक्ति के बीच संतुलन की चुनौती यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं के बीच संतुलन की आवश्यकता को भी उजागर करती है। प्रशासन को चाहिए कि वह सख्त कार्रवाई कर समाज में भय का माहौल न बनने दे।
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संपादन: ठाकुर पवन सिंह
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