📍: Tue, 11 Nov 2025 06:30 PM IST, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा और अंतिम चरण आज संपन्न हो गया। कुल 122 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 3.7 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चरण में कुल 1302 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 136 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी शामिल हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, शाम 5 बजे तक 67.14% मतदान दर्ज किया गया, जो 2020 के चुनावों की तुलना में लगभग 10% अधिक है। किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में रिकॉर्ड मतदान हुआ।

राजनीतिक समीकरण: NDA बनाम महागठबंधन
इस बार का चुनाव NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला बन गया है। NDA में भाजपा, जदयू, हम, लोजपा (रामविलास) और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं। वहीं महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार NDA के चेहरा बने हुए हैं, जबकि महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को जनता के बीच “परिवर्तन का प्रतीक” बताया जा रहा है।
जनता का मूड: विकास बनाम बदलाव
NDA ने अपने प्रचार में “विकास, सुशासन और स्थिरता” को केंद्र में रखा, वहीं महागठबंधन ने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय को मुद्दा बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में NDA की उपलब्धियों को गिनाया और विपक्ष को “65 वोल्ट का झटका” देने की बात कही। दूसरी ओर, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भाजपा और RSS पर देश को बांटने का आरोप लगाया।
जन सुराज और अन्य दलों की भूमिका
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने इस चुनाव में पहली बार भाग लिया है। उनके अभियान ने युवाओं और शिक्षित वर्ग को आकर्षित किया है। हालांकि सीटों की संख्या कम है, लेकिन वोट प्रतिशत में असर दिख सकता है।
AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश की है, जहां 2020 में उन्हें 5 सीटें मिली थीं।
चुनाव के दौरान विवाद और सुरक्षा
नवादा जिले में मतदान केंद्र के पास दो राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसे पुलिस ने तुरंत नियंत्रित कर लिया।
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के बाद बिहार में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नेपाल सीमा को 72 घंटे के लिए सील कर दिया गया है।
एग्जिट पोल की प्रतीक्षा
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, एग्जिट पोल के आंकड़े मतदान समाप्त होने के बाद ही जारी किए जाएंगे। आज शाम 6:30 बजे के बाद प्रमुख एजेंसियाँ जैसे Axis My India, CVoter, Jan Ki Baat, और Today’s Chanakya अपने अनुमान प्रस्तुत करेंगी।
पिछले चुनावों में एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं, इसलिए जनता को अंतिम परिणाम का इंतजार करना होगा, जो 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
जातीय समीकरण और बिहार की राजनीति
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से निर्णायक रहे हैं। इस बार भी कुशवाहा, यादव, मुस्लिम, दलित और महादलित वोट बैंक को साधने की कोशिश सभी दलों ने की है।
NDA ने सम्राट चौधरी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं को आगे कर कुशवाहा समुदाय को साधने की कोशिश की है। वहीं RJD ने अपने पारंपरिक यादव-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने पर जोर दिया है।
महागठबंधन की रणनीति: युवा और बदलाव
तेजस्वी यादव ने युवाओं को “परिवर्तन के एजेंट” बताया और रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा, “बिहार को जुमलों नहीं, नतीजों की जरूरत है।”
महागठबंधन ने करपूरी ठाकुर की विरासत को भी चुनावी मुद्दा बनाया, जिससे सामाजिक न्याय की भावना को जगाया जा सके।
क्या NDA फिर से सत्ता में लौटेगा?
2020 में NDA ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। इस बार भी वे उसी आंकड़े को पार करने की कोशिश में हैं।
महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं, जिसमें RJD ने 75, कांग्रेस ने 19 और वाम दलों ने 16 सीटें जीती थीं।
इस बार के चुनाव में जनता का मूड बदला हुआ दिख रहा है, लेकिन अंतिम फैसला 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा।
बिहार की राजनीति के नए संकेत
बिहार चुनाव 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनता अब सिर्फ वादों पर नहीं, काम के आधार पर वोट देती है।
बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत इस बात का संकेत है कि लोग बदलाव चाहते हैं — चाहे वह NDA के विकास मॉडल को जारी रखने का हो या महागठबंधन के नए वादों को आज़माने का।
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि बिहार की बागडोर किसके हाथ में जाएगी।
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संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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