Fri, 10 Oct 2025 06:29 PM IST, आगरा, भारत।
आज शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 का दिन बिहार की राजनीति में निर्णायक रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चला आ रहा लंबा सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, घटक दलों के बीच सीटों के बँटवारे पर लगभग सहमति बन चुकी है और इस बहुप्रतीक्षित साझा फॉर्मूले का आधिकारिक ऐलान कल, यानी 11 अक्टूबर को दिल्ली में किया जाएगा। यह घोषणा न केवल NDA की एकजुटता को दर्शाएगी, बल्कि बिहार चुनाव की रणनीति की दिशा भी तय करेगी।

दिल्ली में NDA के शीर्ष नेताओं की बैठक: सीट शेयरिंग पर बनी सहमति
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही गहन चर्चाओं का पटाक्षेप हो गया है। सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग की प्रक्रिया का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और सभी सहयोगी दलों को संतुलित हिस्सेदारी देने पर जोर दिया।
इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए कल (11 अक्टूबर) को दिल्ली में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। इस दौरान बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। यह सामूहिक उपस्थिति यह स्पष्ट संदेश देगी कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है।
माना जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय आधिकारिक तौर पर इस फार्मूले को सार्वजनिक करेंगे। गठबंधन के भीतर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, बीजेपी ने इस जटिल प्रक्रिया को सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई है।
महाडील का खुलासा: किस घटक दल को कितनी सीटें?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, NDA के भीतर सीट वितरण का मोटा-मोटा फॉर्मूला तैयार हो चुका है। इस फार्मूले में बीजेपी और जेडीयू के बीच मुख्य सहमति बन गई है, जिसके बाद छोटे सहयोगी दलों को उनकी चुनावी ताकत और राजनीतिक प्रभाव के आधार पर सीटें आवंटित की गई हैं।
- लोजपा (रामविलास) – चिराग पासवान: युवा नेता चिराग पासवान की पार्टी को लगभग 25 से 26 सीटें मिलने की संभावना है। लोकसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी मिली है। चिराग की ‘फर्स्ट बिहार, बिहारी फर्स्ट’ की पिच को एनडीए भुनाना चाहता है।
- हम (HAM) – जीतन राम मांझी: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी को 7 से 8 सीटें दी जा सकती हैं। मांझी का प्रभाव मुख्य रूप से दलित और महादलित वोट बैंक पर केंद्रित है।
- आरएलएम (RLM) – उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 5 से 6 सीटें मिलने की संभावना है। कुशवाहा की हिस्सेदारी यह सुनिश्चित करती है कि गठबंधन में कुशवाहा समुदाय का प्रतिनिधित्व मजबूत रहे।
ये संख्याएं आधिकारिक घोषणा से पहले के सूत्रों पर आधारित हैं, लेकिन ये बताती हैं कि बीजेपी ने सभी सहयोगियों को समायोजित करने के लिए एक लचीला रुख अपनाया है। यह सीट शेयरिंग केवल गणित का खेल नहीं है, बल्कि एनडीए की रणनीति है, जिसके तहत वह बिहार के सभी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश कर रहा है।
एनडीए की एकजुटता: ‘संख्या का नहीं, सम्मान का फॉर्मूला’
इस सीट शेयरिंग के ऐलान के पीछे एनडीए का मुख्य उद्देश्य बिहार की जनता और विपक्षी दलों को एकीकरण का स्पष्ट संदेश देना है। बार-बार विपक्षी दल, खासकर महागठबंधन, एनडीए में मतभेद होने का दावा करते रहे हैं। इस घोषणा से उन सभी अफवाहों पर विराम लग जाएगा।
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, यह सीट शेयरिंग सिर्फ संख्या का नहीं, बल्कि सम्मान का फॉर्मूला है। सभी घटक दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी देकर यह संदेश दिया गया है कि एनडीए एक मजबूत और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट गठबंधन है।
घोषणा के तुरंत बाद, एनडीए अपने पहले संयुक्त प्रचार अभियान का भी ऐलान कर सकता है। यह संयुक्त अभियान न केवल गठबंधन की ताकत को दिखाएगा, बल्कि महागठबंधन और जनसुराज जैसे अन्य राजनीतिक ध्रुवों पर पलटवार करने की भी तैयारी है। नित्यानंद राय और चिराग पासवान की हालिया मुलाकात में दिखी मुस्कान को राजनीतिक गलियारों में इस डील पक्की होने का स्पष्ट इशारा माना जा रहा है।
चुनावी माहौल की तैयारी: बीजेपी की रणनीति
बिहार चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। बीजेपी ने बड़ी पार्टी होने के नाते सीट बंटवारे की कमान संभाली, लेकिन छोटे सहयोगियों को भी साथ लेकर चलने की परिपक्वता दिखाई है।
बीजेपी कोर नेताओं की बैठक शनिवार को दिल्ली में होगी, जिसके बाद एनडीए की सीटों का अंतिम ऐलान किया जाएगा। यह बैठक बीजेपी की संगठनात्मक तैयारी और 205 सीटों पर एनडीए के अंतिम फॉर्मूले को मुहर लगाने के लिए महत्वपूर्ण होगी। यह दिखाता है कि बीजेपी अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है और वह हर सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार है।
सीट शेयरिंग पर बनी यह सहमति न केवल एनडीए के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह बिहार की जनता के लिए भी यह स्पष्ट कर देती है कि कौन सा गठबंधन स्थिरता और नेतृत्व देने के लिए तैयार है। अब सबकी निगाहें कल (11 अक्टूबर) की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं, जब एनडीए अपनी पूरी ताकत और एकजुटता के साथ बिहार की चुनावी जंग का आगाज करेगा।
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संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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