
तिआनजिन/नई दिल्ली, गुरुवार, 4 सितम्बर 2025, दोपहर 2:38 बजे IST
चीन के तिआनजिन शहर में संपन्न हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खास ध्यान खींचा। दोनों नेता न केवल सम्मेलन में साथ दिखाई दिए, बल्कि एक विशेष क्षण में रूस निर्मित ऑरस लिमोज़ीन में साथ बैठे और लंबी बातचीत की। अब खुद पुतिन ने इस बातचीत का खुलासा किया है — जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अलास्का में हुई मुलाकात की जानकारी मोदी को दी।
पुतिन ने किया खुलासा: ट्रंप से क्या बात हुई
रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “यह कोई रहस्य नहीं है, मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि अलास्का में ट्रंप से क्या बातचीत हुई।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि बातचीत टूटी-फूटी अंग्रेज़ी में हुई थी, लेकिन विषय गंभीर था।
पुतिन ने बताया कि ट्रंप के साथ उनकी बातचीत यूक्रेन युद्ध को लेकर थी। हालांकि कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ, लेकिन कुछ “महत्वपूर्ण समझ” बनी। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने उन्हें “द बीस्ट” नामक अमेरिकी राष्ट्रपति की लिमोज़ीन में आमंत्रित किया था, और दोनों के बीच 30 सेकंड की एक संक्षिप्त लेकिन अहम बातचीत हुई।
मोदी-पुतिन की कार यात्रा: 15 मिनट का सफर, 45 मिनट की बातचीत
एससीओ सम्मेलन के बाद दोनों नेता एक साथ ऑरस लिमोज़ीन में बैठे और द्विपक्षीय बैठक स्थल तक पहुंचे। यह यात्रा लगभग 15 मिनट की थी, लेकिन होटल पहुंचने के बाद भी दोनों नेता कार से बाहर नहीं निकले। उन्होंने कार के भीतर ही 45 मिनट तक बातचीत जारी रखी।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, “जब कोई महत्वपूर्ण चर्चा चल रही हो, तो उसे बीच में रोकना उचित नहीं होता। कार की दीवारें भी ‘घर’ जैसी होती हैं — सुरक्षित और गोपनीय।” उन्होंने यह भी बताया कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ सहजता महसूस की और बातचीत को वहीं जारी रखा।
मोदी ने भी साझा किया अनुभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा की और लिखा, “एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल तक साथ-साथ गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।”
मोदी ने यह भी कहा कि भारत और रूस ने हमेशा कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे का साथ दिया है, और यह साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों की राय: गोपनीयता और रणनीति का मेल
मॉस्को के विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की लिमोज़ीन अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों से लैस है, जो किसी भी प्रकार की जासूसी या ईव्सड्रॉपिंग से बचाव करती है। यही कारण है कि दोनों नेताओं ने कार में ही संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करना उचित समझा।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यह बातचीत शायद सबसे गोपनीय और रणनीतिक रही — जिसमें भारत-रूस संबंधों, यूक्रेन युद्ध, अमेरिकी नीतियों और वैश्विक संतुलन पर चर्चा हुई।
आगे की दिशा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की यात्रा पर आने वाले हैं, जहां प्रधानमंत्री मोदी के साथ औपचारिक शिखर वार्ता होगी। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।