📅 शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 | मुंबई, महाराष्ट्र
अमिताभ बच्चन और रेखा की प्रेम कहानी की शुरुआत फिल्म ‘दो अनजाने’ (1976) से हुई थी, जिसने न सिर्फ उनके करियर बल्कि निजी समीकरणों को भी नया मोड़ दिया। यह लेख 1500+ शब्दों में उस कहानी की परतें खोलता है।
1976 में रिलीज़ हुई फिल्म दो अनजाने ने भारतीय सिनेमा को एक ऐसी जोड़ी दी, जिसकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री और ऑफ-स्क्रीन रहस्य दशकों तक चर्चा में रहे। निर्देशक दुलाल गुहा की इस फिल्म में पहली बार अमिताभ बच्चन और रेखा ने साथ काम किया। यह फिल्म रेखा के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुई — न केवल अभिनय के स्तर पर, बल्कि उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में भी।

🎬 दो अनजाने: दो अजनबियों की मुलाकात
फिल्म दो अनजाने की कहानी निहार रंजन गुप्ता की बंगाली रचना ‘Rater Gari’ पर आधारित थी। इसमें अमिताभ बच्चन ने ‘अमित’ नामक किरदार निभाया, जो एक दुर्घटना के बाद अपनी याददाश्त खो बैठता है। रेखा ने उनकी पत्नी ‘रेखा’ का किरदार निभाया, जो उन्हें पहचानने से इनकार करती है। यह भावनात्मक जटिलता और अभिनय की गहराई ने दोनों कलाकारों को एक-दूसरे के करीब ला दिया
🌸 रेखा का परिवर्तन: एक साधारण लड़की से ग्लैमरस दिवा तक
रेखा ने 1970 में सावन भादों से बॉलीवुड में कदम रखा था। शुरुआती दौर में उन्हें उनके रूप, वजन और हिंदी उच्चारण को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी। लेकिन दो अनजाने के बाद उनके अभिनय को गंभीरता से लिया गया। एक फिल्म पत्रिका ने लिखा, “रेखा ने यह कर दिखाया है — सहजता से, सफलतापूर्वक।”
इस फिल्म के बाद रेखा ने अपने जीवनशैली में भी बदलाव किया — डाइट, योग, मेकअप और फैशन में उन्होंने एक नई पहचान बनाई। वह एक साधारण लड़की से ग्लैमरस दिवा में बदल गईं, और इस बदलाव का श्रेय उन्होंने अमिताभ को दिया।
💖 सिमी ग्रेवाल इंटरव्यू: रेखा का भावनात्मक स्वीकार
रेखा ने सिमी ग्रेवाल के शो Rendezvous with Simi Garewal में कहा था, “इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वह शादीशुदा थे। गुलाब तो गुलाब ही होता है। इंसान दिलचस्प होता है, बस।” यह बयान उनके भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, जो उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार तो नहीं किया, लेकिन इन शब्दों में छिपा था।
🎥 सिलसिला से पहले की फिल्में
दो अनजाने के बाद दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया — खून पसीना (1977), अलाप (1977), इम्मान धर्म (1977), गंगा की सौगंध (1978)। इन फिल्मों में उनकी केमिस्ट्री दर्शकों के दिलों में बस गई। हालांकि सिलसिला को उनकी प्रेम कहानी का सिनेमाई चरम माना जाता है, लेकिन असल शुरुआत दो अनजाने से ही हुई थी।
🕊️ अधूरी कहानी, जो कभी पुरानी नहीं होती
अमिताभ और रेखा की प्रेम कहानी कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं की गई, लेकिन मीडिया, प्रशंसकों और फिल्म समीक्षकों ने इसे भारतीय सिनेमा की सबसे रहस्यमयी प्रेम गाथा माना। सिलसिला में जया बच्चन, अमिताभ और रेखा का त्रिकोणीय प्रेम दृश्य इस कहानी को और गहराई देता है।
रेखा ने कभी अमिताभ के खिलाफ कुछ नहीं कहा — न तब, न अब। उन्होंने हमेशा उन्हें सम्मान और आदर्श का प्रतीक माना। वहीं अमिताभ ने इस विषय पर हमेशा चुप्पी बनाए रखी।
📸 दृश्य जो अमर हो गए
फिल्म दो अनजाने के कई दृश्य आज भी सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। रेखा और अमिताभ की एक साथ तस्वीरें, उनके संवाद और भावनात्मक दृश्य आज भी दर्शकों को भावुक कर देते हैं
संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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